एलन मस्क ने सरकारी दक्षता में लाया तूफ़ान, दुनिया हैरान
कुछ दिनों पहले की बात है जब ख़बर मिली कि एलन मस्क ने व्हाइट हाउस को अलविदा कह दिया. मन में अजीब-सा सवाल उठा: उनके नाम पर बना DOGE (Department of Government Efficiency) क्या वाकई जनता के पैसे की बचत कर पाया या बस हलचल मचाकर सब छोड़ दिया?
DOGE के तहत सैकड़ों-हज़ारों कर्मचारियों को या तो दफ़्तर लौटने या इस्तीफ़ा देने का विकल्प मिला. कुछ लोगों ने Reddit पर लिखा कि "ये तो नई किस्म की दबाव नीति है," जबकि दूसरी ओर X पर एक पोस्ट दिखा: "अगर वाकई काम नहीं करना चाहते, तो क्यों taxpayers के पैसे पर बने रहें?"
एलन मस्क का अंदाज़ ही कुछ ऐसा रहा है कि लोग उन्हें "आइकॉनिक विज़नरी" कहते हैं, और कुछ उन्हें "अनुमान से भी आगे निकल जाने वाला उद्यमी" मानते हैं
लेकिन राजनीति के क्षेत्र में उनका कदम अचानक और उतना ही अप्रत्याशित ढंग से ख़त्म होता दिखा
DOGE और सरकारी ढाँचों की उलटफेर
मस्क और DOGE का कहना था कि उन्होंने तक़रीबन 175 अरब डॉलर की बचत कर लीविवादित तरीक़ों में DEI (डाइवर्सिटी, इक्विटी, इनक्लूज़न) प्रोग्राम बंद करना, USAID की फ़ंडिंग काटना, और बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाना शामिल है
एक पुरानी किताब "चाणक्य नीति" में उल्लेख है कि "शासन चलाना सूई की नोक पर धागा पिरोने जैसा होता है." शायद मस्क ने ये धागा खींचकर लंबा करना चाहा, मगर धागा टूट भी सकता है
ट्रंप के साथ मतभेद
सुनने में आया कि मस्क किसी "बड़े बिल" के विषय पर डोनाल्ड ट्रंप से असहमत थेट्रंप ने भी अपने प्रेस सेक्रेटरी के माध्यम से साफ़ किया कि "जो ऑफ़िस में रहकर 'अमेरिका को शानदार' बनाने में नहीं जुटना चाहते, उनकी मर्ज़ी, हम उन्हें 8 महीने की पगार देकर विदा करते हैं."
मस्क ने भी एक साधारण-सा संदेश पोस्ट किया कि उनका सलाहकार कार्यकाल पूरा हो गया है, और ट्रंप को धन्यवाद दिया. अंदरखाने कैसी खटास थी, ये अभी भी कोई ख़ुलकर नहीं बता रहा
इसी बीच ख़बरें आईं कि मस्क अपने निजी जीवन में भी तूफ़ानी दौर से गुज़र रहे थे: बार-बार ड्रग्स लेने की अफ़वाह, पारिवारिक मामलों में उलझाव वग़ैरह. शायद यही सब कारण रहे कि वे स्वयं उस "बड़े कानून" से असहमत होकर अलग हो गए.
कभी-कभी लगता है कि मस्क, जो रॉकेट और कारों की दुनिया में सितारा माने जाते रहे, सरकारी दफ़्तरों की पेचीदगियों में जम नहीं पाए
शायद वे अपने ही बनाये नियमों में ज़्यादा सहज महसूस करते हैं
बदले हुए कामकाज़ का असर
कई कर्मचारियों को वापस ऑफिस आने पर मजबूर किया गया, जबकि कुछ ने "पैकेज लेकर" अलविदा कहना बेहतर समझाविशाल संख्या (करीब 75,000) के इस बदलाव को किसी ने "सरकारी मोटापा कम करना" कहा, तो किसी ने "यूं अचानक सब उलटा-पुलटा करने से बेहतर विकल्प भी थे" कहकर सवाल उठाया
एक Reddit यूज़र ने मज़ाक में लिखा, "सरकारी नौकरी में Monday ब्लूज़ तो सुना था, पर ये मस्क ब्लूज़ क्या नया बवाल है?"
इस पर किसी और ने जवाब दिया: "शायद मस्क ने वही किया जो प्राइवेट सेक्टर में CEO करते हैं, बस ये पब्लिक सेक्टर था!"
नीति | परिणाम | प्रतिक्रिया |
---|---|---|
दफ़्तर वापसी या इस्तीफ़ा | 75,000 कर्मी निकले | कोई बोला अनुशासन, कोई बोला कठोरता |
DEI ख़त्म | 1 अरब डॉलर की बचत | सामाजिक न्याय पर आघात की शिकायत |
USAID में कटौती | अंतर्राष्ट्रीय प्रोग्राम रुके | विदेश सहयोग में बाधा का डर |
हर हफ्ते 5-पॉइंट रिपोर्ट | सक्रिय निगरानी? | कुछ ने सराहा, कुछ को लगा बेवजह दबाव |
मस्क के इस तेज़-तर्रार रुख ने एक ओर भारी प्रशंसा बटोरी, दूसरी ओर तीखी आलोचना. कारगर बदलाव और अराजकता के बीच की लकीर कई लोगों को धुंधली लगी.
आगे के रास्ते पर सवाल
लोगों को ये भी जानने की उत्सुकता है कि क्या मस्क के छोड़ने के बाद DOGE टिक पाएगाकई अनुमानों में कहा जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन इस दिशा को जारी रखेगा, हालांकि उतने आक्रामक तरीक़े से नहीं
दूसरी ओर, रिपोर्ट्स बताती हैं कि मस्क के निजी जीवन में जो भी चल रहा था—आरोप-प्रत्यारोप, ड्रग्स की ख़बरें, बच्चे-पारिवारिक उलझनें—उसने भी इस फ़ैसले को तेज़ किया होगा
सार्वजनिक हस्तियों का निजी जीवन अकसर सुर्खियों में रहता है. किसी नतीजे पर पहुँचने से पहले तथ्यों की जाँच ज़रूरी है, क्योंकि अफ़वाहें तेज़ी से फैलती हैं.
और कुछ लोग Reddit पर पूछ रहे हैं, "मस्क अब कहाँ जाएगा? स्पेसX, टेस्ला या फिर किसी नए सरकारी प्रोजेक्ट में हाथ आज़माएगा?"
इसपर जवाब आ रहा है, "मस्क को समझना आसान होता तो वो मस्क नहीं होता."
नीचे कुछ सवाल, जो आम लोगों के मन में बार-बार उठते रहे
आधिकारिक तौर पर सिर्फ़ इतना पता चला कि किसी बड़े विधेयक को लेकर दोनों में मतभेद थे. पर डिटेल बाहर नहीं आई.
समर्थक कहते हैं हाँ, मगर आलोचक दावा करते हैं ये बस सरकारी मदों को काट देने जैसी बात है, जिससे वास्तविक सेवाओं का नुक़सान भी हो सकता है.
सरकारी तर्क: इससे अरबों की बचत होगी. पर सामाजिक नज़रिए से लोग कह रहे हैं कि इससे समानता को ठेस पहुँच सकती है.
उन्होंने कभी ये स्वीकारा कि वो अवसाद में कुछ दवाएँ लेते हैं, लेकिन ग़लत तरीके से इस्तेमाल का कोई ठोस प्रमाण बाहर नहीं आया. हालाँकि अफ़वाहें रहीं कि वह Ketamine वग़ैरह आज़माते थे.
व्हाइट हाउस कहता है वो जारी रहेगा, मगर एनालिस्ट कहते हैं कि मस्क जैसी ऊर्जा शायद न दिखे. कई कार्यक्रम कट चुके हैं, अब बदलाव की रफ्तार धीमी हो सकती है.
कयास हैं कि स्पेसएक्स, टेस्ला या न्यूरालिंक पर ध्यान देंगे. लेकिन वो कब क्या कर बैठें, ये कहना मुश्किल. राजनीति में दोबारा लौटना भी नामुमकिन नहीं.
कुल मिलाकर, एलन मस्क का यह राजनीतिक अध्याय शायद छोटा लेकिन तूफ़ानी रहा. उन्होंने कुछ साहसी क़दम उठाए, जिन्हें कुछ लोग क्रांतिकारी मान रहे हैं, जबकि दूसरों को उनमें विसंगतियाँ दिखीं. सही-ग़लत का फ़ैसला समय ही करेगा, लेकिन इतना तो साफ़ है कि सरकार चलाना एक पेचीदा काम है, और हर बड़ा इनोवेशन अपने साथ चुनौतियाँ भी लाता है. DOGE से निकले सबक़ आने वाले वर्षों में चर्चा का विषय बने रहेंगे.
एलन मस्क की नीतियों से उपजा वैश्विक मंथन
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