नए अवसरों का आनंद लें और क्रेडिट कार्ड से फायदे की दुनिया में कदम रखिए
1980 के दशक में बहुत से लोगों को क्रेडिट कार्ड नाम सुनकर ही संशय होता था, पर आजकल लगभग हर जगह उनका इस्तेमाल आम हो चुका है
शुरुआत की झलक और बदलता नजरिया
कभी क्रेडिट कार्ड को “अमीर लोगों के खिलौने” माना जाता था
लेकिन 90 के दशक से, बैंकों द्वारा किए गए बड़े प्रमोशन के चलते वे लोकप्रिय हो गए
इतना कि आज रोज़मर्रा की खरीदारी से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग तक इनका इस्तेमाल बढ़ चुका है
कुछ लोग बोले, “बगैर कार्ड मेरा काम ही नहीं चलता”
क्रेडिट कार्ड का मूल महत्व
क्रेडिट कार्ड आपकी जेब में सुविधा लाता हैबड़े पेमेंट, इमरजेंसी खर्च या फायदेमंद ऑफर सब कुछ एक कार्ड से सम्भव
पर हां, यह एक दोधारी तलवार भी है
जहां ऑफर और रिवार्ड मिलते हैं, वहीं अगर समय पर भुगतान नहीं हुआ तो भारी ब्याज का खतरा
पुराने दौर की एक कहानी में सुना कि 90 के दशक में किसी ने क्रेडिट कार्ड से विदेशी ट्रिप बुक की, और आख़िर में ब्याज का बोझ कई गुना बढ़ गया था
वजह थी नियमों की अनदेखी और समय पर बिल का भुगतान न करना
तब से लोग सतर्क रहने लगे
आज तो ऑनलाइन पेमेंट्स और ई-कॉमर्स का ज़माना है, जहां कई बार कार्ड के बिना काम नहीं चलता
इसीलिए जिम्मेदारी के साथ कार्ड इस्तेमाल करना और शर्तों को समझना ज़रूरी है
फायदे और संभावित खतरे
शॉपिंग पर छूट, कैशबैक, रिवार्ड पॉइंट्स — बहुत कुछ आकर्षक है
लेकिन कभी-कभी हम इन लुभावनों के चक्कर में ज़रूरत से ज़्यादा खर्च कर देते हैं
कई लोग कहते हैं, “मैंने बस कुछ और चीजें खरीदीं ताकि मुझे रिवार्ड पॉइंट मिल जाएं, फिर बिल बड़ा निकल आया”
मज़ेदार और डरावनी कहानी साथ-साथ
कार्ड की शर्तों को ध्यान से पढ़ें
वार्षिक शुल्क, ब्याज दर, छूट की श्रेणियां इत्यादि पर नज़र रखें
कई दफा लोग असमंजस में रहते हैं — “इस ऑफर का क्या मतलब है?” या “इन रिवार्ड्स की वैधता कितनी है?”
बेहतर है कि खुद को अपडेट रखें और ज्यादा खर्च से बचें
परिवर्तन का सफ़र
90 के दशक में क्रेडिट कार्ड का चलन बढ़ा, 2000 के दशक में ई-कॉमर्स के चलते यह और सर्वव्यापी हो गयाकुछ समय पहले तक लोग डेबिट कार्ड पर ज़ोर देते थे, अब क्रेडिट कार्ड ऑफर्स आकर्षित करते हैं
बस ध्यान रहे कि समय पर बिल भरें
वरना भारी जुर्माना और क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है
बड़ी लिमिट देखकर खुश होने की बजाय अपनी आय-व्यय का हिसाब रखना सही होगा
एक मशहूर उक्ति है: “उधार की चादर उतनी ही फैलाओ जितनी संभल सके”
एक छोटी टेबल जो मददगार हो सकती है
क्रेडिट कार्ड से जुड़ी प्रमुख बातें इस प्रकार
विशेषता | फायदा | सावधानी |
---|---|---|
कैशबैक | खर्च पर कुछ रकम लौटती है | सीमाएं होती हैं, शर्तें हो सकती हैं |
रिवार्ड पॉइंट | पॉइंट जमा करके वाउचर या गिफ्ट ले सकते हैं | एक्सपायरी डेट होती है, ध्यान रखें |
ईएमआई / किस्त | बड़ा खर्च भी आराम से बांटकर दे सकते हैं | ज़रूरत से ज़्यादा ख़रीदारी से बचें |
वार्षिक शुल्क | कई सुविधाएं जोड़ने का विकल्प | हिसाब लगाएं कि सुविधाओं से मूल्य वसूल हो रहा या नहीं |
इस सारणी से पता चलता है कि कोई भी कार्ड उपयोगी हो सकता है, पर ज़रूरी है सूझबूझ
एक कहावत है: “कार्ड आपका सेवक बने, न कि आप कार्ड के”
उठते सवाल और सरल जवाब
यह आपकी जरूरतों और खर्च पैटर्न पर निर्भर
अगर आप ट्रैवल करते हैं तो यात्रा रिवार्ड वाला कार्ड, शॉपिंग करते हैं तो कैशबैक या पॉइंट वाला देखिए
अलग-अलग कार्ड के अलग ऑफर मिल सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे बिल पेमेंट भूलना मुश्किल पैदा करेगा
संतुलन रखना सीखें
अधिकांशतः हां, तभी सलाह है कि समय से पूरा बिल चुकाएं
आंशिक पेमेंट से ब्याज बहुत बढ़ जाता है
यदि उससे मिलने वाले लाभ शुल्क से ज्यादा हो, तो ज़रूर
जैसे लाउंज एक्सेस, बीमा, उच्च रिवार्ड रेट इत्यादि
हां, देर से पेमेंट या बढ़ता बकाया स्कोर पर नकारात्मक असर डालता है
इसीलिए सदैव सही समय पर बिल भरें
सुविधा तो है, मगर बेवजह खर्च बढ़ा सकती है
आत्मनियंत्रण बहुत ज़रूरी
बिल समय पर चुकाकर ब्याज से बचें, और ऑफर का आनंद उठाएं
ऐसा करते हुए वित्तीय सुरक्षा को भी बनाए रखें
छोटी गलतियों से सीखकर आप क्रेडिट कार्ड के बड़े लाभ ले सकते हैं, बस ध्यान रहे कि खर्च आपके नियंत्रण में हो
आगे बढ़ते हुए सुरक्षित और सहज क्रेडिट कार्ड यात्रा का अनुभव कीजिए
क्रेडिट, कार्ड, भुगतान, ब्याज, शॉपिंग, छूट, रिवार्ड, अनुभव, अनुशासन, खर्च, संतुलन, ऑफर, ऑनलाइन, बचत, वित्त, प्रबंधन, जिम्मेदारी, पुराना, बदलाव