भोजन से जुड़ी आदतों में संतुलित बदलाव हेतु सरल उपायों का मार्ग
मुझे याद है कि एक बार किसी प्राचीन कहानी में पढ़ा था कि कैसे एक साधारण सा अनाज का सूप पीकर व्यक्ति ने लंबी यात्रा पूरी कर ली। उस किस्से ने दर्शाया कि सरल भोजन भी गहरा प्रभाव डाल सकता है।
आजकल वजन घटाने की सोच आते ही बहुत लोग सख्त डाइट अपना लेते हैं लेकिन अधिकतर समय वो ज्यादा देर नहीं टिक पाती। छोटे-छोटे बदलाव अपनाना ज्यादा व्यावहारिक रहता है।
कुछ लोगों ने बस रोज की कोल्डड्रिंक छोड़ दी तो उन्हें पता चला कि शरीर ज्यादा हल्का और तरोताज़ा महसूस होने लगा।
पोष्टिक विकल्पों का चयन और स्वाद का संतुलन
थोड़ा बहुत मीठा खाना या पसंदीदा चीज़ खाना ग़लत नहीं है।बस मात्रा का ध्यान रख लें।
भोजन में विविधता का महत्त्व
सब्जियाँ, फल और साबुत अनाज मिलाकर खाने से भूख नियंत्रित रहती है और शरीर को जरूरी पोषण मिलता है। संतुलित प्लेट आनन्द देती है।पसंदीदा चीजों से परहेज़ क्यों नहीं
यदि आप अपनी मनपसंद डिश को बिल्कुल बंद कर देंगे तो मन में ललक और बढ़ सकती है। बेहतर है कि नियंत्रित मात्रा में उसका स्वाद ले लिया जाए।कहानियों से प्रेरणा
बहुत सी पुरानी कहानियों में पात्र कम संसाधनों के साथ भी आगे बढ़ते दिखते हैं। इससे समझ आता है कि व्यावहारिक ढंग से भोजन में बदलाव कर सकते हैं।एक बार मैंने तले हुए खाने को कम करने की ठानी। शुरू में आदत बदलना मुश्किल लगा। मगर धीरे-धीरे मुझे महसूस हुआ कि पेट हल्का रहता है और ऊर्जा भी बनी रहती है। इस अनुभव ने मुझे और बदलाव लाने का हौसला दिया।
यह जरूरी नहीं कि सब कुछ रातोरात बदलें। हर छोटे-छोटे कदम से आगे बढ़ना बेहतर है।
दिनचर्या में हल्का व्यायाम जोड़ना
जरूरी नहीं कि जिम में ही कड़ी मेहनत करें।घर पर हल्की स्ट्रेचिंग, आसपास टहलना, सीढ़ियाँ चढ़ना-उतरना भी मददगार हो सकता है।
व्यायाम को मनोरंजक बनाना
संगीत सुनते हुए थोड़ी देर नृत्य या पसंदीदा खेल खेलना, यह सब जोश बढ़ा देता है। हर बार अलग-अलग गतिविधि से उबाऊपन भी नहीं आता।निरंतरता का लाभ
भारी व्यायाम हफ्ते में एक बार करने के बजाय, रोज़मर्रा में थोड़ा-थोड़ा करना बेहतर परिणाम देता है। शरीर को निरंतर हलचल पसंद होती है।खुद को प्रेरित रखने के लिए उपकरण एवं योजनाएँ
भोजन का रिकॉर्ड रखने से हमें आदतों का पता चलता है।कुछ लोगों को ऐप्स से मदद मिलती है जबकि दूसरे को लिखने में मजा आता है।
तरीका | मुख्य फ़ायदा |
---|---|
भोजन डायरी | अनियंत्रित आदतों पर नज़र |
हल्का दैनिक व्यायाम | शरीर सक्रिय और उत्साहित |
कभी दिन ठीक न बीते तो खुद को हतोत्साहित न करें। शुरुआत में उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है। फिर भी लंबी अवधि में निरंतर सुधार देखने को मिलता है।
धीरे-धीरे शरीर को नए ढर्रे में ढालना सरल हो जाता है। कुछ हफ्तों बाद बदलाव महसूस होने लगता है।
सामान्य प्रश्नों के हल एवं सुझाव
सबके लिए अनिवार्य नहीं कुछ लोग इसमें सहज होते हैं जबकि कुछ गुणवत्ता और संतुलन पर ध्यान देकर बेहतर महसूस करते हैं
पहले पानी पिएँ या हल्का फल खा लें कभी-कभी गुनगुना दूध भी मदद करता है कोई छोटा काम कर लें जिससे ध्यान हटे
धीरे-धीरे कम करें एकदम से बंद न करें हफ्ते में एक बार पर सीमित रखें और बाकी समय ज्यादा भाप या उबली चीज़ें आजमाएँ
नहीं साबुत अनाज और जटिल कार्ब शरीर के लिए लाभदायक हैं मीठे और रिफाइंड को कम करने पर ध्यान दें
व्यक्ति-व्यक्ति भिन्न हो सकता है कुछ हफ्तों में हल्का बदलाव तो दिख ही जाता है लेकिन स्थायी अंतर बनने में समय लगता है
कोई नया व्यंजन ट्राई करें या अलग तरह का व्यायाम अपनाएँ कभी-कभी मित्रों के साथ साझा लक्ष्य रखने से भी प्रेरणा बढ़ती है
आखिरकार, भोजन की आदतों में बदलाव एक लंबी प्रक्रिया है। छोटी-छोटी कोशिशें मिलकर बड़ा असर दिखाती हैं। यह सब कुछ कठोर त्याग से ज्यादा निरंतर छोटे-छोटे परिवर्तनों की कहानी है। सार यही है कि अपने शरीर को समर्पित देखभाल दी जाए और सरल तरीके से संतुलित जीवनशैली की ओर बढ़ा जाए।
संतुलित आहार, हल्का व्यायाम, सहज दिनचर्या, सतत परिवर्तन, भोजन डायरी, ऊर्जा बनाए रखना, संयमित तला खाना, जटिल कार्बोहाइड्रेट, छोटी शुरुआत, दीर्घकालीन लाभ