अनोखे पैसे प्रबंधन की राह व्यक्तिगत वित्त स्थिर बचत योजना
कभी मैं सारा वेतन एक ही खाते में रखकर खर्चों में ढिलाई बरतता था, लेकिन एक दिन महसूस हुआ कि मुझे धन को अलग-अलग जगह निवेश या जमा करना चाहिए. कुछ समय बाद महसूस हुआ कि यह तरीका मेरी जेब और मन दोनों को सुकून देता है.
लोग सोचते हैं कि सारा पैसा बचत खाते या ISA में क्यों नहीं रख दिया जाए
लेकिन संपत्ति को अलग-अलग खातों में बांटना कई बार बेहतरीन होता है
प्रसिद्ध पुस्तक The Intelligent Investor (Benjamin Graham) भी निवेश में विविधता लाने पर जोर देती है
सिर्फ एक ही खाते में सारा पैसा रखना सरल तो लगता है लेकिन हमेशा उपयुक्त नहीं
कई खाते रखने का तर्क
कुछ लोग अपने चालू खाते में केवल महीने का जरूरी खर्च जितना धन रखते हैंशेष राशि को बचत खाते या ISA में स्थानांतरित कर देते हैं
दूसरे लोग चालू खाते में ही पर्याप्त धन छोड़ देते हैं जिससे बड़े खर्च या बिल तुरंत अदा कर सकें
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि कम बैलेंस होने से अनावश्यक खरीदारी की आदत पर अंकुश लगता है. जब खाते में कम रकम दिखती है, तो मन अपेक्षाकृत बचत की ओर जाता है.
सुरक्षा की भावना भी अहम है
कई लोग धोखाधड़ी के डर से चालू खाते में ज्यादा राशि नहीं रखते
वॉरेन बफेट ने कहा था "धन के प्रवाह को समझना सही निवेश चुनने जितना ही महत्वपूर्ण है."
ISA क्या है
ISA यानी Individual Savings Account, एक ऐसा खाता जिसमें जमा रकम या निवेश पर टैक्स छूट मिल सकती हैहर साल लगभग 20000 पाउंड की सीमा रहती है
लेकिन रोजमर्रा के खर्च या इमरजेंसी के लिए थोड़ा धन तुरंत उपलब्ध होना भी जरूरी है
आम रणनीतियाँ
बहुत से लोग अपनी तनख्वाह का एक हिस्सा चालू खाते में छोड़ते हैं जिससे मासिक बिल या खर्च पूरे होंबाकी राशि बचत खाते या ISA में भेज देते हैं ताकि ब्याज या निवेश फायदा उठा सकें
कुछ लोग महीने के आख़िर में जो भी बचता है उसे ISA में डालकर भविष्य के लिए सुरक्षित करते हैं
फंड की उपलब्धता हमेशा ध्यान में रखें. कुछ ISA में पैसे निकालने के नियम कड़े हो सकते हैं, इसलिए अपने चालू खाते में भी पर्याप्त राशि रखें.
कम बैलेंस का मानसिक प्रभाव
जब खाते में रकम कम दिखती है, हम फिजूलखर्ची से बचते हैंयदि खाते में बड़ी राशि मौजूद हो तो मन जल्दी से महंगी चीज़ें खरीदने की ओर आकर्षित हो सकता है
इसीलिए कई लोग नियमित रूप से अतिरिक्त धन को दूसरी जगह ट्रांसफर कर देते हैं
सुविधा बनाम उच्च ब्याज
अगर चालू खाते में ज्यादा धन हो तो अचानक बड़े खर्च के लिए फौरन भुगतान किया जा सकता हैलेकिन इतना धन बचत या ISA में न डालना संभावित ब्याज लाभ कम कर देता है
हर व्यक्ति को अपनी प्राथमिकता समझनी होगी
अगर आप ध्यान नहीं रखते तो ऑटोमेटिक पेमेंट बैंक बैलेंस को शून्य से नीचे ले जा सकती है. इस स्थिति में लगने वाले पेनल्टी या ऊँचे ब्याज आपके बचत लाभ से कहीं ज़्यादा हो सकते हैं.
मुख्य बिंदु लचीली योजना
खाते में कितना धन छोड़ना है और कितना निवेश या ISA में लगाना है यह अच्छी तरह सोचकर तय करेंकुछ लोग अक्सर बैलेंस चेक करते हैं, कुछ लोग उच्च ब्याज के लिए बार-बार स्थानांतरण करते हैं
तरीका | फायदा | चुनौती |
---|---|---|
चालू खाते में कम धन | अनावश्यक खर्च पर नियंत्रण दूसरे खाते या ISA में ब्याज का लाभ |
बड़े खर्च आने पर तुरंत राशि ट्रांसफर करनी पड़ेगी थोड़ा प्रबंधन अधिक चाहिए |
चालू खाते में ज्यादा धन | अचानक खर्च हो तो तुरंत निपटा सकते हैं बार-बार ट्रांसफर की ज़रूरत कम |
ब्याज कम मिलता है खर्च करने का लोभ बढ़ सकता है |
आपको रोजमर्रा के खर्च के लिए धन की त्वरित जरूरत पड़ती है. ISA से निकालने में कभी-कभी समय या सीमाएँ हो सकती हैं, जिससे परेशानी हो सकती है.
बैंक आम तौर पर सुरक्षा देते हैं, लेकिन चालू खाते में कम धन हो तो संभावित घाटा भी सीमित रहता है. यह निजी पसंद पर निर्भर है.
हाँ, बचत खाते या ISA आदि में रखकर अधिक ब्याज मिल सकता है. हालाँकि कई लोगों को सुविधा पसंद होती है और वे थोड़े से ब्याज के लालच में बार-बार धन नहीं हटाना चाहते.
अगर चालू खाते में पर्याप्त धन है, तो तुरंत भुगतान कर सकते हैं. नहीं है तो बचत खाते या ISA से रकम ट्रांसफर करनी होगी, जिसमें कुछ समय लग सकता है.
अक्सर प्रति वर्ष 20000 पाउंड जमा करने की अनुमति होती है. चाहे आपके पास कई तरह के ISA हों, कुल जमा इस सीमा से ज्यादा नहीं हो सकती.
सार यही है कि धन प्रबंधन में हर व्यक्ति की अलग पसंद और परिस्थितियाँ होती हैं. कुछ लोग कम बैलेंस रखकर अनुशासन हासिल करते हैं, तो कुछ एक ही खाते में अधिक पैसे रखकर सुविधा का आनंद लेते हैं. अंतत: अपने लिए बेहतर संतुलन और मन की शांति ढूँढ़ना ही महत्वपूर्ण है.
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